श्री कृष्ण की जीवंत झाकियां सजाई गई और श्रद्धालु भक्त जन नाचते गाते हुए और भक्ति में झूमते हुआ भक्ति रस में डूबे
तृतीय दिवस ! दही हांडी फोड़कर धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोंत्सव ।
भगवान श्रीकृष्ण की जीवंत झांकियां सजाई गई और श्रद्धालु भक्त जन नाचते-गाते और भक्ति में झूमते नजर आए ।
हार्दिक स्वर्णकार कृष्ण स्वरूप तथा श्रीमति मीनाक्षी सोनी यशोदा की भूमिका में नजर आईं ।
न्यूज़ शिवरीनारायण जांजगीर-चांपा । नगर के हृदय स्थल श्रीश्याम भवन तुमसा रोड़ शिवरीनारायण में श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के तृतीय दिवस कथा स्थल पर दो-दिव्य अवतारों की जन्म-लीला देखने और पुण्य लाभ अर्जित करने भक्तों की भीड़-भाड़ उमड़ पड़ी । इस दौरान व्यासपीठ से भागवताचार्य पंड़ित नवीनचंद्र शर्मा जी ने श्रीमद्भागवत कथा में संगीतमय भजन-कीर्तन और पूजा-अर्चना में लोगों को बांधने का प्रयास किया ।
*हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण की लीला अपरम्पार हैं ।*
भागवताचार्य पंडित व नवीन चंद्र शर्मा जी महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म में एक प्रमुख देव हैं जिन्हें हम भगवान विष्णु के आठवें महान अवतार के रुप में पूजा-अर्चना करते हैं । भगवान श्रीकृष्ण की मधुर कथा विभिन्न धर्म ग्रंथों में वर्णित हैं – श्रीमद्भागवत गीता, महाभारत ,भागवत महापुराण और कई अन्यान्न्य ग्रंथों में उनकी लीलाएं और घटनाएं मिलती हैं । इस अवसर पर लखनलाल श्रीमति छाया सोनी, मदनलाल श्रीमति ज्योति सोनी तथा अर्जुन सोनी ने भक्ति-भाव से निमग्न रही और कथा का रसपान कर रही थी ।
*अद्भुत संयोग ! भगवान श्री कृष्ण का जब जन्म हुआ तब कारागार अपने आप खुल गया ।*
उन्होंने भगवान् श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि श्रीकृष्ण का जब जन्म हुआ तब कारागार का ताला अपने-आप खुल गया । उनका जन्म मथुरा नगरी में हुआ । उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी थे , लेकिन उन्हें जन्म देने के तुरंत बाद ही उनके मामा , कंस ने उन्हें मारने की योजना बनाईं क्योंकि उसे भविष्यवाणी की गई थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसकी मृत्यु का कारण बनेगा । कंस के अत्याचारों से बचाने के लिए वासुदेव ने एक टोकरी में लेकर नवजात कृष्ण को अथाह यमुना नदी पार कर गोकुल में अपने मित्र नंद और यशोदा के पास छोड़ जाते हैं । इस घटना की कानों-कान किसी को भी खबर नहीं लग पाती हैं । इस अवसर पर यशोदा के रुप में सक्रिय कार्यकर्ता श्रीमती मीनाक्षी-मोहन सोनी कृष्ण के रूप में हार्दिक स्वर्णकार साथ प्यार दुलार कर रही थी ।
*हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल गीतों पर श्रद्धालु भक्त झूमते नजर आए ।*
पंडित नवीन चंद्र शर्मा जी ने भगवान श्रीकृष्ण के गोकुल में आनंद भयो जय कन्हैया लाल की,हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की सहित अन्यान्य भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । श्रद्धालु भक्त गण झुमते नज़र आए । कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान कथा स्थल मथुरा वृन्दावन और गोकुल धाम नज़र आ रहा था । आयोजन स्थल पर धार्मिक आस्था रखने वाले शशिभूषण सोनी और उनकी अर्द्धांगिनी श्रीमति शशिप्रभा सोनी सहित अन्य श्रद्धालु भक्त विशेष आमंत्रण पर पधारें । कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान माखन मिश्री, काके बड़ा का भोग लगाया गया और वितरित किया गया । नंद यशोदा , कृष्ण जन्मोत्सव की सुंदर झांकियां दर्शनीय रही ।
*कथा श्रवण करने राजधानी से जनता तक समाचार-पत्र के प्रतिनिधि पहुंचे ।*
श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य श्रवण करने दैनिक राजधानी से जनता तक के संपादकीय लेखक शशिभूषण सोनी तथा डॉ रविंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा में हमें भगवान श्रीकृष्ण की अनेक पहलुओं को देखने का मौका मिलता हैं । एक ओर वे मां के सामने रुठने की कला जानते हैं , तो दूसरी ओर अर्जुन को गीता का ज्ञान देने वाले योगेश्वर श्रीकृष्ण कहलाते हैं । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के दुसरे दिन श्रीमद्भागवत कथा स्थल शिवरीनारायण में श्रीकृष्ण जन्मोंत्सव एक अवसर हैं ,प्रभु के दिव्य चरित्र का प्रसन्नातापूर्वक दर्शन करने का और आनंदित जीने के लिए प्रेरित करने का एक माध्यम हैं । भगवान का जन्मोत्सव मनाने से मन प्रसन्न हो गया ।