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करमा तिहार के उल्लास में मांदर पर थाप देते हुए सीएम विष्णुदेव ‘हाय रे सरगुजा नाचे’ गीत पर जमकर झूमे, कहा- “प्रगति के साथ आदिवासी संस्कृति का संरक्षण भी जरूरी

करमा तिहार के उल्लास में मांदर पर थाप देते हुए सीएम विष्णुदेव ‘हाय रे सरगुजा नाचे’ गीत पर जमकर झूमे, कहा- “प्रगति के साथ आदिवासी संस्कृति का संरक्षण भी जरूरी”

रायपुर 14 सितम्बर 2024। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय स्थित कृषि मंडपम में छ. ग. कंवर समाज युवा प्रभाग, रायपुर महानगर द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत- करमा तिहार 2024 कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की देन है। प्रगति के साथ-साथ आदिवासी संस्कृति का संरक्षण भी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने पारम्परिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह बहुत खुशी बात है कि कंवर समाज के युवाओं द्वारा राजधानी रायपुर में करमा तिहार का शुभारंभ किया जा रहा है। यह एक बहुत अच्छी परंपरा की शुरआत है। मुख्यमंत्री श्री साय करमा तिहार के उल्लास में शामिल होने से खुद को रोक नहीं पाए और मांदर पर थाप देते हुए ‘हाय रे सरगुजा नाचे’ गीत पर जमकर झूमे और नाचे भी गाते हुए
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज करमा तिहार मनाया जा रहा है । आदिवासी संस्कृति में कई तरह के करमा तिहार मनाये जाते हैं। आज एकादशी का करमा तिहार है। आज का त्योहार हमारी कुंवारी बेटियों का त्योहार है। इस करमा पर्व को मनाने का उद्देश्य है कि हमारी बेटियों को अच्छा वर और अच्छा घर मिले। भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करके बेटियां अच्छे वर और अच्छे घर की कामना करती हैं। इसके बाद दशहरा करमा का त्योहार भी आता है, जिसमें शादी के पश्चात पहली बार जब बेटी मायके आती है तो वह उपवास रहकर विजयादशमी का पर्व मनाती है। पुत्र-पुत्रियों के लंबे जीवन की कामना के साथ जियुत पुत्रिका करमा मनाया जाता है। यह एक बहुत कठिन व्रत होता है, जिसमें माताएं चौबीस घण्टे बिना अन्न-जल ग्रहण किये इस करमा पर्व को मनाती हैं।
हमारी संस्कृति में कृषि कार्य से भी करमा पर्व जुड़ा है। एक त्योहार बाम्बा करमा भी होता है । बाम्बा एक प्रकार का कीट होता है जो धान के दाने में बीमारी पैदा करता है। इस करमा में नौजवान बेटे उपवास रहते हैं बाम्बा कीड़े को नदी में विसर्जित करते हैं। करमा तिहार प्रकृति से जुड़ा तिहार है। जब वर्षा नहीं होती तब पानी कर्मा मनाया जाता है। इस पर्व में करमा पूजा करके वर्षा के लिये प्रार्थना की जाती है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हर साल राजधानी रायपुर में करमा त्योहार मनाया जाना चाहिये।

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