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राज्यपाल पुरुस्कार प्राप्त शिक्षक पुस्पेंद्र कुमार कश्यप ने खोला साबुन बैंक ,छात्रों के परिजन करते है दान

राज्यपाल पुरुस्कार प्राप्त शिक्षक पुस्पेंद्र कुमार कश्यप ने खोला साबुन बैंक ,छात्रों के परिजन करते है दान

जांजगीर चांपा प्रायमरी स्कूल के विद्यार्थी समय से पहले ही स्कूल आ जाते हैं और स्कूल परिसर में ही खेलते हैं। इससे उनके हाथों में धूल, मैल जम जाती थी। मध्याह्न भोजन भी खाली पानी से हाथ धोकर करने से धूल, मैल खाने के साथ बच्चों के पेट में जाता था, जिससे बच्चे बीमार पड़ने लगे। इस पर रोक लगाने के लिए स्कूल के एक शिक्षक ने विद्यार्थियों को हाथ धोने की आदत डालने के लिए स्कूल में ही हैंड-बॉश और साबुन रखना शुरू किया। इससे विद्यार्थियों की अब नियमित हाथ धोने की आदत हो गई है। इसकी मॉनिटरिंग स्कूल के ही विद्यार्थी करते हैं, स्थिति ऐसी है कि स्टाफ व ग्रामीणों की मदद से अब स्कूल में साबुन बैंक शुरू हो गया है। राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षक पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि

शुरू करने का मुख्य उद्देश्य स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बीमारी से दूर रखना था। उन्होंने बताया कि अक्सर विद्यार्थी बीच-बीच में बीमार पड़ते रहते हैं, जिसके कारण बच्चों की उपस्थिति कम हो जाती है और यह भी देखा जाता है कि विद्यार्थी तक इन बीमारियों का प्रवेश कहीं न कहीं हमारे स्वच्छता से जुड़ा हुआ होता है। विद्यार्थी का खाना खाने से पहले हाथ न धोना, टॉयलेट से आने के बाद साबुन से हाथ न धोना या अन्य गतिविधियों के बाद हाथ न धोना बीमारियों को आमंत्रण देने जैसा होता है। इसे दूर करने के लिए व विद्यार्थी अपने व्यवहार में इस प्रक्रिया को लाएं इसलिए साबुन बैंक की शुरुआत 2020 में की गई है। स्कूल के प्रधान पाठक सरिता यादव और शिक्षक नंदकिशोर नौरंगे भी विद्यार्थियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने साबुन बैंक में सहयोग कर रहे है। शिक्षक जब भी किसी के जन्मदिन या अन्य खुशी के मौके पर किसी के घर पहुंचते हैं तो वहां भी लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए साबुन बैंक की जानकारी देते हैं और भी अपने बर्थडे में अपने विद्यालय के लिए हैंड वॉश या साबुन ₹10 का दान स्वरूप अन्य गिफ्ट देने की बजाय मांगते हैं।
शासकीय स्कूल को शासन की ओर से साल भर में केवल एक हेडवाश दिया जाता है जो माह भर नहीं चलता है। साथ ही इसके बाद स्कूल में साफ सफाई के लिए अन्य फंड नहीं मिलता है। कई स्कूलों में ऐसे में चाह कर भी कुछ नहीं पाते हैं। यहां शिक्षक ने गांव के लोगों से मदद लेकर साबुन बैंक खोला है।
प्रेरित होकर इन स्कूलों ने शुरू किया है साबुन बैंक
स्वच्छता के प्रति चलाए जा रहे साबुन बैंक नवाचार के संबंध में शिक्षक ने एससीईआरटी के ट्रेनिंग सेशन में जानकारी दी। इससे प्रेरित होकर प्रदेश के अन्य जिले के स्कूलों ने साबुन बैंक की शुरुआत की है। प्राथमिक शाला बिल्हा, बिलासपुर,हायर सेकेंडरी स्कूल मुलमुला, मिडिल स्कूल चोरभठ्ठी डभरा, प्राइमरी स्कूल मौलीगुड़ी बस्तर, प्राइमरी स्कूल महुंआडबरी खैरागढ़, प्राइमरी स्कूल बिल्हा, प्राइमरी स्कूल जुनापाली लोरमी पूर्व माध्यमिक शाला लवसरा शासकीय प्राथमिक शाला धरमपुर महासमुंद में साबुन बैंक की शुरुआत हो चुकी है।

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