ज़िला

सच्चे मन से आराधना करने वाले के आसपास रहकर प्रभु उनकी सहायता करते रहते हैं । यदि व्यवहार सही रहे तब लोगों के ह्दय में बड़ा मधुर और प्रिय स्थान अपने-आप बन जाता हैं – दिनेश दुबे भागवताचार्य

सच्चे मन से आराधना करने वाले के आसपास रहकर प्रभु उनकी सहायता करते रहते हैं । यदि व्यवहार सही रहे तब लोगों के ह्दय में बड़ा मधुर और प्रिय स्थान अपने-आप बन जाता हैं – दिनेश दुबे भागवताचार्य

परस्पर प्रेम, स्नेह, आत्मीयता, अपनत्व, सहानुभूति, मधुर वचन त्याग और निश्छल व्यवहार से किसी को भी अपना बनाया जा सकता हैं । सच्चे मन से आराधना करने वालों के आसपास रहकर भी प्रभु उनकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं । यदि हमारा सबकी प्रति समान व्यवहार रहेगा तब हर कोई बड़ा से बड़ा त्याग को तैयार हो जायेंगे हृदय से बड़ा और प्रिय स्थान सुरक्षित नही हो सकता। तुम सब सुखी रहोगे और तुम्हारे सम्पर्क में रहने वाला भी सुख,शांति और प्रेम से रहेगा। उक्त बातें नगर के ब्राम्हण पारा स्थित पंडित मोहनलाल द्विवेदी के निवास स्थान पर स्वर्गीय श्रीमती आशा द्विवेदी के वार्षिक श्राद्ध निमित्त सप्त-दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य में सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पंड़ित दिनेश कुमार दुबे पुरगांव वाले महराज ने कहा । श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन दिनांक 19 सितम्बर,2024 से शुरू होकर दिनांक 29 सितंबर 2024 तक आयोजित । श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करने नगर के अधिवक्ता महेंद्र गुप्ता, साहित्यकार शशिभूषण सोनी, पंड़ित अरविंद तिवारी, पद्मेश शर्मा,पत्रकार हरिश पाण्डेय, डॉ रविंद्र कुमार द्विवेदी ,महेश राठौर, श्रीमति पूनम गौरहा, दिप्ती पाठक,निताशा गौरहा, निष्कर्ष गौरहा, अश्विनी पाठक, श्लोक द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त कथा श्रवण रहे हैं । कथा के मुख्य यजमान जयप्रकाश द्विवेदी तथा श्रीमति श्वेता द्विवेदी तथा उप-यजमान चैतन्य और श्रीमति शिखा द्विवेदी हैं । प्रगतिशील स्वर्ण एवं रजत समिति चांपा के सचिव शशिभूषण सोनी ने आचार्य श्री आशिर्वाद प्राप्त किया। आचार्य श्री ने तिलक लगाकर तथा श्रीफल भेंट किया । शशिभूषण सोनी ने कहा कि हम सबका परम सौभाग्य हैं कि द्विवेदी परिवार के द्वारा सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित दिनेश कुमार दुबे जी के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन भक्ति-भाव से किया जा रहा हैं । प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण सहित देवी-देवताओं की गूढ़ रहस्यों का प्रतिपादन दुबे जी कर रहे हैं ।
कथा स्थल पर रसमयी कथा महात्म्य के साथ-साथ नयनाभिराम झांकियां निकाली जा रही हैं छोटे-छोटे बच्चे भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी मंगल विवाह में रुप धर कर पहुंचे । मनोहारी वेशभूषा ने उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । अधिवक्ता महेंद्र गुप्ता, शशिभूषण सोनी और पद्मेश शर्मा ने श्रीकृष्ण-रुक्मिणी मंगल विवाह की बेला में बाल कान्हा स्मृति शेष शारदा प्रसाद द्विवेदी जी के नाती और रुक्मणी बनी स्तुती द्विवेदी जी को माथे पर सौभाग्य सूचक हल्दी लगाया और शगुन के तौर पर उपहार सामग्री भेंट किया तथा भगवान की आरती कर आशीष लिया ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *