सीएम विष्णुदेव साय की दो टूक: कलेक्टरों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा- यदि आप कार्रवाई नहीं करेंगे, तो मैं खुद करूंगा’! अपराध के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाए, शिकायत मिलने पर एसपी होंगे जवाबदेह
सीएम विष्णुदेव साय की दो टूक: कलेक्टरों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा- यदि आप कार्रवाई नहीं करेंगे, तो मैं खुद करूंगा’! अपराध के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाए, शिकायत मिलने पर एसपी होंगे जवाबदेह
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को आयोजित दो दिवसीय कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस के अंतिम सत्र में अधिकारियों के प्रति असामान्य रूप से कड़ा रुख अपनाया। सामान्यतः अपने शांत और सरल स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री ने पहली बार इतने गुस्से में कलेक्टरों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सख्त नाराजगी जाहिर की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कई जिलों के कलेक्टरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच रहा है, जिसके लिए जिला प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार है। विष्णुदेव साय ने विशेष रूप से राजस्व मामलों के निराकरण में धीमी गति को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति का रवैया स्वीकार्य नहीं है।” मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों में लंबित समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करें ताकि जनता को राहत मिल सके।
जनता और स्कूली छात्रों के प्रति दुर्व्यवहार पर जताई नाराजगी
मुख्यमंत्री ने आम जनता और स्कूली छात्रों के साथ सरकारी अधिकारियों के दुर्व्यवहार पर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अधिकारी संवेदनशीलता और शालीनता के साथ जनता की समस्याओं को सुनें और उनका समाधान करें। “अधिकारियों की भाषा और व्यवहार अनुशासित और मर्यादित होना चाहिए। अगर आपके अधीनस्थ अधिकारी अनुचित भाषा का प्रयोग करते हैं, तो उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए,” मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में यह बात कही। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि वे इस पर ध्यान नहीं देंगे तो वे स्वयं कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि अब अधिकारियों के लिए ढिलाई या लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है
स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान हो
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से आग्रह किया कि वे स्थानीय स्तर पर समस्याओं का निराकरण करें ताकि जनता को राजधानी रायपुर का रुख न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का यह कर्तव्य है कि जो लोग समस्या लेकर आते हैं, उनकी समस्याओं को स्थानीय स्तर पर ही समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जनता को बार-बार रायपुर आने की जरूरत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह जिला प्रशासन की विफलता का संकेत होगा।
कानून व्यवस्था पर सीएम का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपराधियों के मन में कानून का भय होना चाहिए और पीड़ितों को त्वरित न्याय मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, “कानून व्यवस्था दुरुस्त करने में आपकी सबसे अहम भूमिका है। प्रदेश में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए पुलिस और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा।” उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपराध रोकने के लिए बुनियादी पुलिसिंग पर ध्यान दें और अवैध शराब, जुआ-सट्टा, और नशाखोरी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार की शिकायतें मिलती हैं, तो एसपी जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता
सीएम विष्णुदेव साय ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारे शासनकाल में अपराध की संख्या में कमी आई है और हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। कानून व्यवस्था को मजबूत करना और जनता का विश्वास पुलिस और प्रशासन पर बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन के लिए कलेक्टर और एसपी प्रशासनिक व्यवस्था के ‘आंख, कान और हाथ’ होते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे केंद्र सरकार द्वारा लागू न्याय संहिता का जमीनी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और पुलिस को इन नए कानूनों के अनुसार कार्य करने के लिए निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि अपराध की घटनाओं में कमी आए और आम जनता को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिल सके।
मुख्यमंत्री ने पुलिस थानों में आम नागरिकों के साथ सहयोगात्मक व्यवहार के निर्देश देते हुए कहा, “पुलिस थानों का वातावरण ऐसा हो कि नागरिक बिना डर के थाने में प्रवेश कर सकें और उन्हें वहां से सहयोग और न्याय की उम्मीद हो।” कॉन्फ्रेंस के अंतिम सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उम्मीद जताई कि दो दिनों तक चली चर्चाओं के सकारात्मक परिणाम जल्दी ही दिखाई देंगे। उन्होंने कहा, “प्रदेश में अपराध की संख्या में कमी लाना और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारियों को जनता के हित में काम करने के लिए पूरी तत्परता और संवेदनशीलता दिखानी होगी।”