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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जन्म-जयंती पर भाषण प्रतियोगिता में बच्चों ने भाग लिया विषय था शिक्षा और गुरु का महत्व ।*

*डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जन्म-जयंती पर भाषण प्रतियोगिता में बच्चों ने भाग लिया विषय था शिक्षा और गुरु का महत्व ।*

जनादेश24 न्यूज़ शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम हैं जिसके द्वारा हम देश-विदेश में कोई भी सर्वोच्च पद प्राप्त कर लेते हैं एक आदर्श शिक्षक गुरु ही अपने शिष्य को जीवन में ज्ञानी , सहनशीलता , सत्य निष्ठा , त्याग , धैर्यवान , मृदुभाषी बनाते हैं शिक्षक का शिष्य के जीवन में स्थान माता-पिता तुल्य होता हैं यह कहना हैं बरपाली चौक डागा कॉलोनी निवासी वयोवृद्ध रोशनलाल अग्रवाल के पोता- पोती लक्ष्य व अंशिका अग्रवाल ने यह बात कहीं । एक आदर्श शिक्षक अपने विद्यार्थियों को एक ही स्तर से देखते हैं कभी कोई भेदभाव नहीं करते हैं उनके मार्गदर्शन और शिक्षा से ही व्यक्ति सही दिशा प्राप्त करता हैं और जीवन में सफल होता हैं । साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि भारतवर्ष के महान शिक्षाविद तथा पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने जीवनकाल में एक प्रतिभाशाली विद्यार्थी ही नहीं बल्कि श्रेष्ठ शिक्षक भी थे । कहा जाता हैं कि जब वे 1962 में भारत के राष्ट्रपति के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे तब उनके विद्यार्थियों ने उनके 5 सितंबर जन्म-जयंती को एक विशेष स्मरणीय दिवस के रुप में मनाने का विनम्र निवेदन किया। समाज में शिक्षकों के योगदान को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने अंततः प्रतिवर्ष सितंबर को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाने की अनुमति दे दी । डॉ राधाकृष्णन राष्ट्रपति के साथ-साथ महान शिक्षक , महान दार्शनिक और मानवतावादी इंसान थे । हम सभी को उनके आदर्श जीवन से कुछ न कुछ सीख लेनी चाहिए ।

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