मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने हिन्दी दिवस पर की बड़ी घोषणा राज्य के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में हिन्दी में भी होगी पढ़ाई
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने हिन्दी दिवस पर की बड़ी घोषणा
राज्य के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में हिन्दी में भी होगी पढ़ाई
*इसी शैक्षणिक सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी में भी होगी उपलब्ध ।*
*ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को मिलेगा लाभ ! चिकित्सा छात्रों का आधार भी होगा मजबूत*
न्यूज़ जांजगीर-चांपा/ रायपुर दिनांक 14 सितम्बर 2024 । प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीयुत विष्णुदेव साय ने हिन्दी दिवस पर बड़ी घोषणा करते हुए राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में हिन्दी में भी पढ़ाई शुरू करने की बात कही हैं । मुख्यमंत्री ने राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया हैं कि एमबीबीएस की पढ़ाई की व्यवस्था भी हम हिंदी में करेंगे । इस साल के प्रथम सत्र 2024-25 में एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी में भी उपलब्ध होगी । इसके लिए छात्र-छात्राओं की संख्या अनुरूप आवश्यक पुस्तक उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं । उक्ताशय की जानकारी धनंजय राठौर संयुक्त संचालक जन-संपर्क संचनालय रायपुर द्वारा दैनिक समाचार पत्रों से सम्बद्ध शशिभूषण सोनी को दी जिसे उन्होंने प्रेस को साझा किया ।
*हिंदी की सार्थकता तभी है जब हम शासन-प्रशासन स्तर से लागू करे ।*
मुख्यमंत्री ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी दिवस की सार्थकता इस बात में हैं कि हम शासन-प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिंदी को लागू करें, हिंदी को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा हमें इस बात की खुशी हैं कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2022 को उत्तरप्रदेश के उन्नाव की रैली में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने की मंशा जाहिर की थी, हम उसका क्रियान्वयन करने जा रहे हैं ।
*हिंदी में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने सबसे अधिक लाभ ग्रामीणों क्षेत्र के विद्यार्थियों को होगा ।*
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय हैं । हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने का सबसे अधिक लाभ हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को होगा जो अधिकतर हिंदी मीडियम से होते हैं जो प्रतिभाशाली होते हैं लेकिन अंग्रेजी की वजह से उन्हें चिकित्सा पाठ्यक्रम में कुछ दिक्कत आती हैं । अब यह दिक्कत दूर हो जाएगी । इससे चिकित्सा छात्र छात्राओं का आधार भी मजबूत होगा और अच्छे चिकित्सक तैयार करने में इससे अधिक मदद मिलेगी । मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने का यह सबसे बड़ा लाभ यह होता हैं कि इससे विषय की बारीक समझ बनती हैं । इसे हम छत्तीसगढ़ में हर स्तर पर कार्यान्वित करने के लिए कृत संकल्पित हैं ।