कोर्ट से नोटिस मिलने के बाद बौखलाए आरोपी ने मोबाइल पर दी पत्रकार को मारने की धमकी,,, सुने आरोपी का आवाज तोला तो बताऊं रे, केस के का हे छोटा-मोटा चलते रथे
कोर्ट से नोटिस मिलने के बाद बौखलाए आरोपी ने मोबाइल पर दी पत्रकार को मारने की धमकी,,, सुने आरोपी का आवाज
तोला तो बताऊं रे, केस के का हे छोटा-मोटा चलते रथे
संवाददाता हरी देवांगन
जिला उपमुख्यालय चांपा,,,,, शिकायत पर शिकायत के उपरांत भी बदमाश पर कार्यवाही नहीं होने से उसकी गुंडागर्दी करने वालों का हौसला इतना बुलंद हो जाता है,उसकी यहां पर जीता जागता (ज्वलंत) उदाहरण सूना जा सकता है,,,,
ऐसा ही एक मामला न्यूज़ चैनल के चांपा प्रतिनिधि हरि देवांगन के साथ घटित हो रहा है,,,जिसने कई साल पहले कोर्ट में परिवाद पेश किया था लंबे समय तक कोर्ट आते जाते एवं पेसी का सामना करने के बाद अंतत तीन आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने कई धाराओं के तहत नोटिस थमाया और उपस्थित होने का निर्देश दिया,नोटिस मिलते ही बौखलाए आरोपी ने उसी रात 9:30 बजे पहले तो पत्रकार को मिस कॉल दिया,पत्रकार के द्वारा अज्ञात नंबर इतनी रात को आखिर किसका हो सकता है किसी को क्या जरूरत पड़ सकती है, इसी बात को ध्यान में रखकर जब इस नंबर पर रिकॉल किया गया तो पता चला यह नंबर आरोपी का है जिसे कुछ रोज पहले कोर्ट का नोटिस भेजा गया है,चंद मिनट के बातचीत के उपरांत आरोपी ने गुंडागर्दी का पुराना अंदाज अपनाते हुए साफ शब्दों में धमकी देते हुए गाजे बाजे के साथ सरेआम जुलूस निकाल कर परधाने( मारपीट) की बात कही, यही नहीं बल्कि उसने दबंगता दिखाने के चक्कर में यह भी नहीं समझा कि मोबाइल पर इस तरह से किसी को धमकी देना गैरकानूनी है और तब जब उसके हाथों में सक्षम न्यायालय से एक से अधिक धाराओं के तहत का नोटिस थमाया गया हो ऐसी स्थिति में पुनः किसी को मोबाइल में धमकी देते हुए मारपीट की बात करना सहज सरल आसान नहीं होता,यह तभी कोई कर सकता है जब उसे थाना पुलिस और न्यायालय का मान सम्मान मन से निकल जाए,और कानून के प्रति कोई डर भय मन में ना हो,यह पहली दफा नहीं है जब इन आरोपियों के खिलाफ इस तरह का घरेलू हिंसा सहित पारिवारिक विवाद करने का मामला दर्ज करने का प्रयास किया गया हो,अनेकों बार ऐसा अवसर आया है जब पारिवारिक सहित घरेलू हिंसा को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने का प्रयास किया गया हो लेकिन हर बार लेनदेन कर थाना से बचकर निकल जाते थे,अंततः बार-बार के हिंसा और अत्याचार से थक हार कर पत्रकार के द्वारा कई साल पहले न्यायालय के शरण में रहने के बाद लंबे अंतराल में इन आरोपियों के नाम समुचित कार्यवाही करते हुए अदालत में उपस्थित होने का नोटिस जारी होते ही इन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ और समय के नजाकत को नजर अंदाज करते हुए रात में ही फोन कर धमकाने चमकने और देख लेने जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने का कार्य मोबाइल से किया,जो कि आरोपी के लिए मुसीबत का पर्याय बन सकता है, पत्रकार हरि ने इस संदर्भ में बताया कि वह इस बात को उच्च स्तर पर ले जाकर इनके कारनामों का पर्दाफाश करने जा रहा है, यह समाचार अभी यहीं समाप्त नहीं हुआ है अगली कड़ी में इन अत्याचारियों का सारा करतूत इसी चैनल पर इसी तरह से जारी रहेगा,क्योंकि मामला अभी माननीय न्यायालय में है इसलिए आरोपियों का नाम उजागर नहीं किया जा सकता कुछ ही दिनों बाद इन को पेशी में उपस्थित होना है इसलिए यहां नाम का उल्लेख करना मुनासिब नहीं होगा,,,
सुधी पाठकों,,,, आप से अनुरोध है इस चैनल पर इसी तरह से बने रहे,,,और देखें अराजक तत्व किस तरह से परिवार और समाज को छिन्न-भिन्न करने पर तुले हैं, और यदि इस हिंसा पर कोई विचार प्रकट करना हो तो 741594 5270 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं,,,,।