अभिनव सृजन ! हम किसी से बिल्कुल भी कम नही महिला शख्शियत ने बेस्ट ऑफ़ वेस्ट मटेरियल का उपयोग करने वाली – श्रीमति नेहा -अविनाश अग्रवाल
अभिनव सृजन ! हम किसी से बिल्कुल भी कम नही महिला शख्शियत ने बेस्ट ऑफ़ वेस्ट मटेरियल का उपयोग करने वाली – श्रीमति नेहा -अविनाश अग्रवाल
जनादेश 24न्यूज न्यूज़ चांपा । हमारे देश में घरों से निकलने वाली कुड़ा कचरा एक जटिल समस्या के रुप में समाने आ रही हैं। सबसे अधिक खतरनाक कूड़ा जमा हो रहा हैं प्लास्टिक का ! इसे नष्ट करना भी संभव नहीं हैं क्योंकि इससे वातावरण प्रदुषित होता हैं । कड़े कचरे को बेइंतिहा बढ़ाने का काम भी समाज के लोगों ने ही किया हैं और कर भी रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक पूरे देशभर में हर दिन चार करोड़ दूध की थैलियां, दो करोड़ पानी की बोतलें कूड़ेदान में फेकी जा रही हैं । इसी तरह सौंदर्य प्रसाधन सामग्री डिस्पोजेबल बर्तनों का उपयोग करने के बाद कूड़ेदान में फेंकना, बाजार से विभिन्न खाद्य पदार्थ पांलिथीन बैग्स में भरकर लाने के बाद आम सड़क पर फेंक देना ऐसे ही ना जाने कितने समान हैं जिससे हम हर रोज़ कूड़ा कबाड़ बना रहे हैं । अपने स्वयं से ‘पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन ‘ का ध्यान रखते हुए समय व धन का सदुपयोग करने वाली ठाकुर छेदीलाल शासकीय जिला चिकित्सालय जांजगीर-चांपा में मुख्य चिकित्साधिकारी रहे डॉ विजय कुमार अग्रवाल की पुत्रवधू श्रीमति नेहा-अविनाश अग्रवाल द्वारा निस्तारण करने की कार्य-योजना बनाकर क्रियान्वित कर रही हैं । इन्हीं वेस्ट मटेरियल से नेहा अग्रवाल ने घर सजा डाली हैं । गणेश चतुर्थी पर इन्होंने अपने घर इको फ्रेंडली पंडाल बनाई हैं और यह पंडाल देखने लायक हैं । सबसे खास बात यह हैं कि उन्होंने अपने घर में पड़े हुए सभी रद्दी कागजात जो कि यत्र-तत्र कचड़ा के रुप में पड़ें रहते हैं या दुसरे शब्दों में रूप में नाकाम सामग्री को इकठ्ठा कर गणेशोत्सव पर पंडाल बना डाली । सबसे खास बात यह हैं कि नेहा अग्रवाल ने पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से मिट्टी से बाल गणेश की बीज डालकर मूर्तियां भी बनाई हैं ।
*घर से निकलने वाली वेस्ट मटेरियल से बना लिया छोटा-सा पंडाल ।*
मनुष्य का जीवन सकारात्मक सोच से आगे बढ़ता हैं । शरीर में भौतिक रासायनिक परिवर्तन होते रहते हैं । मनुष्य की ख़ुशी का आधार प्रतिभा, योग्यता, कार्य करने की शक्ति, संपत्ति, समाज से प्राप्त हुई मान्यता और प्रतिष्ठा आदि ही होते हैं । कभी किसी ने सोचा हैं कि घर से कुड़ा-कचरा भी हमारे लिए उपयोगी हो सकता हैं लेकिन इसकी उपयोगिता सिद्ध कर दिखाया हैं श्रीमती नेहा अग्रवाल ने । नेहा ने कार्टून में निकलने वाले पुट्ठों से जिससे हम अक्सर रद्दी वाले को 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेच देते हैं । इस रद्दी का सदुपयोग करते हुए नेहा ने छोटे-छोटे बच्चों के साथ मिलकर गणेशोत्सव पर्व पर एक झोपड़ी नुमा आकर्षक पंडाल बना दिया। इतना ही नहीं बल्कि इसी झोपड़ी में पैरा लगाकर खप्पर का आकार और लाल मिट्टी रंग खंभों में पीली मिट्टी का रंग-रोगन करके दर्शनीय स्थल बना दिया ।
*कुड़ा कचरा आज़ एक बड़ी समस्या के रुप में सामने आ रहा हैं, घर-परिवार स्वच्छ रहे इसके लिए कचरे का निस्तारण जरुरी हैं ।
दैनिक समाचार पत्रों से सम्बद्ध शशिभूषण सोनी से विस्तृत चर्चा करती हुई श्रीमति नेहा अग्रवाल ने बताया कि कुड़ा-कचरा आज़ समाज के लिए एक बड़ी समस्या का रुप लेता जा रहा हैं । हालांकि केंद्र या राज्य सरकार इसके उचित निस्तारण के लिए तकनीकी स्तर या अन्य तरीकों से प्रयास कर रही हैं लेकिन एक छोटा-सा प्रयास हम नागरिकों को भी करना चाहिए । घर में प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करे, बेकार उपकरणों के निस्तारण के लिए सजावटी वस्तुओं के रुप में ले सकते हैं । इससे घर-परिवेश स्वच्छ होने के साथ-साथ वातावरण भी प्रदुषित होने से बच जायेगा ।